प्रियंका और निक की शादी की खबरें चर्चा में चल रही हैं. इस साल के अंत में दोनों कलाकारों के शादी करने के कयास लगाए जा रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों 2 दिसंबर को जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस में शादी करने जा रहे हैं. शादी 30 नवंबर से शुरू होगा जो तीन दिन तक चलेगा. ये शादी बॉलीवुड की सबसे बड़ी शादी होगी.
माना जा रहा है कि ये बॉलीवुड की ऐसी शादी भी हो सकती है जिसमें दुनियाभर, खासकर हॉलीवुड की तमाम हस्तियां मेहमान के रूप में शामिल होंगी.
दरअसल, प्रियंका चोपड़ा खुद हॉलीवुड में काम कर चुकी हैं. कई बड़े सेलिब्रिटी उनके खास दोस्त हैं. वहीं निक जोनस हॉलीवुड से ही आते हैं.
प्रियंका और निक की शादी में हॉलीवुड मेहमानों की संभावित लिस्ट में ड्वेन जॉनसन भी हो सकते हैं. बताते चलें कि दोनों सितारों ने "बेवॉच" में साथ काम किया है.
मेगन मार्कल, प्रियंका चोपड़ा की खास दोस्त हैं. पिछले दिनों मेगन की प्रिंस हैरी के साथ शादी हुई थी. दोस्त की शादी में प्रियंका चोपड़ा शामिल हुईं. शादी में प्रियंका की मौजूदगी पर खूब चर्चा हुई.
हॉलीवुड एक्टर जैक एफ्रॉन भी प्रियंका के खास दोस्तों में शामिल हैं. जैक ने बेवॉच में प्रियंका के साथ काम किया था. माना जा सकता है कि वो भी प्रियंका और निक की शादी में एक मेहमान हो सकते हैं.
प्रियंका के कई और दोस्त मेहमान हो सकते हैं जो हॉलीवुड में सक्रिय हैं. जबकि निक के तमाम दोस्त और करीबी शादी में शामिल होंगे ही.
कुल मिलाकर प्रियंका निक की शाही शादी में शामिल होने वाले मेहमानों पर सबकी नजरें होंगी.
बताते चलें कि पिछले दिनों ये जोड़ा जोधपुर पहुंचा था. रिपोर्ट्स में कहा गया कि दोनों अपनी शादी का वेन्यू फाइनल करने यहां आए थे.
राममंदिर निर्माण को लेकर संघ के तेवर सख्त हो गए हैं. संघ अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार भी करने के मूड में नजर नहीं आ रहा. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी कीमत पर राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़ी विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे मामले की सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से नियमित सुनवाई शुरू हो रही है. इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सुनवाई से 10 दिन पहले राममंदिर निर्माण को लेकर कड़े तेवर दिखाए हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विजयादशमी उत्सव के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी रास्ते से राम मंदिर का निर्माण जरूर होना चाहिए, इसके लिए सरकार को कानून लाना चाहिए.
संघ प्रमुख ने कहा कि राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के हैं. हिंदू-मुस्लिम दोनों के लिए आदर्श हैं. संविधान की प्रति में भगवान राम का चित्र है. उन्होंने कहा कि किसी भी मार्ग से बने लेकिन उनका मंदिर बनना चाहिए. सरकार को इसके लिए कानून लाना चाहिए.
भागवत ने कहा कि अगर राम मंदिर बनता है तो देश में सद्भावना का माहौल बनेगा. उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि इनकी सत्ता है फिर भी मंदिर क्यों नहीं बना, वोटर सिर्फ एक ही दिन का राजा रहता है.
गुरुवार को संघ मुख्यालय नागपुर में आरएसएस की ओर से विजयादशमी उत्सव मनाया गया. इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख के राममंदिर को लेकर दिए गए बयान से साफ है कि संघ अब और लंबा इंतजार नहीं करना चाहता.
संघ प्रमुख ने सरकार और देश के लोगों को साफ संकेत दिए हैं कि राममंदिर किसी भी कीमत पर चाहिए. ऐसे में अगर सरकार राममंदिर के लिए कानून नहीं लाती है तो सबरीमाला मामले पर भागवत का ये कहना कि धर्म से जुड़े मामले पर धर्माचार्यों की राय के बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए, वो बदलाव की बात को समझते हैं.
संघ प्रमुख ने कहा कि सबरीमाला में जिन्होंने याचिका डाली वो कभी मंदिर नहीं गए, जो महिलाएं कोर्ट के फैसले से असहमत होकर आंदोलन कर रही हैं वो आस्था को मानती हैं. कोर्ट के फैसले से वहां पर असंतोष पैदा हो गया है. महिलाएं ही इस परंपरा को मानती हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. इसी का नतीजा है कि महिलाएं भी विरोध कर रही हैं.
सबरीमाला मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ आंदोलन करने वाले लोगों के साथ संघ प्रमुख के खड़े होने के पीछे भी बड़ा संकेत माना जा रहा है. अयोध्या मामले में कोर्ट अगर किसी कारणवश राममंदिर के खिलाफ फैसला देता है तो हिंदू समाज उसके खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन कर सकता है.
राममंदिर मामले को लेकर साधु-संत पहले से ही सरकार पर दबाव बना रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई से महज 10 दिन पहले संघ प्रमुख ने राममंदिर के लिए कानून बनाने की बात कहकर और भी बड़ा दबाव सरकार पर बना दिया है.
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